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"सन्ध्या-बेला संदेश"

जीवन में मिलने वाले अधिकांश सुख-दुख हमारे स्वयं द्वारा किये गये पुण्य-पाप रुपी कर्मों का ही फल होते हैं। इसलिए हम सभी मनुष्यों को सत्सँग करते रहना चाहिए, ताकि ज्ञानमयी स्थिति में रहते हुए पाप कर्मों से तो अवश्य ही बचा जा सके.....सुधीर भाटिया फकीर

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