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"ब्रह्म-मुहूर्त उपदेश"

प्रकृति की 84,00000 योनियो में केवल मनुष्य योनि में ही हम प्रकृति के 3 गुणों, सतो, रजो, तमो से बंधते हैं, हमें तमोगुण से परहेज, रजोगुण मर्यादा में और सतोगुण का अधिक से अधिक संग करना है, ताकि हमारा सूक्ष्म + कारण शरीर पवित्र हो अर्थात् हमारा जीवन सफल व सार्थक हो जाये.....सुधीर भाटिया फकीर

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