Skip to main content

"सन्ध्या-बेला संदेश"

मनुष्य संसार को जितने करीब से देखता है, उसे संसारी लोगों का असली चेहरा नजर आने लगता है, जबकि दूसरी ओर हम परमात्मा के जितना करीब जाते हैं, परमात्मा की दया का एहसास होने लगता है, फिर भी एक सामान्य मनुष्य सही दिशा का चुनाव नहीं करता ?.....सुधीर भाटिया फकीर

Comments

Popular posts from this blog

"भोजन/TI+FF+IN《《《《《 मनु" + "ष्य ????? भजन/शास्त्र" -[कक्षा-2591]-सुधीर भाटिया फकीर-20-09-2024

 

वि+वाह =कारण-शरीर/सँस्कार+सूक्ष्म-शरीर/मन, स्थूल-शरीर/भोग?●तलाक●[कक्षा-2595]सुधीर भाटिया फकीर22-9-24

 

आपके जीवन का गणित:- शुद्ध कमाई ?? ऋण/तमो, शून्य/रजो, बचत/सतो-[कक्षा-2657]-सुधीर भाटिया फकीर-23-10-24