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"सन्ध्या-बेला संदेश"

जब तक मनुष्य की मन में पांच भोग-विषयों (गन्ध, रस, रुप, स्पर्श, शब्द) को भोगने की वासना बनी रहती है, तब तक हम प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से संसार से ही जुड़े रहते हैं, तब ऐसे में परमात्मा से हमारा योग हो नहीं पाता.....सुधीर भाटिया फकीर

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