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"ब्रह्म-मुहूर्त उपदेश"

संसार में प्राय ऐसा देखा जाता है कि एक साधारण मनुष्य भीड़ से जल्दी प्रभवित होता है, जबकि यह भी एक सच्चाई है कि भीड़ में गिनती के ही समझदार मनुष्य होते हैं, शेष भीड़ मूर्खों की यानी झूठों की ही होती है। इसलिए एक समझदार मनुष्य को अपनी आध्यात्मिक उन्नति करने के लिए भीड़ का हिस्सा नहीं बनना चाहिए.....सुधीर भाटिया फकीर

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