"सन्ध्या-बेला संदेश" September 14, 2021 अधिक सुखों को भोगने की इच्छाएं ही मनुष्य को पदार्थों का संग्रह करने के लिये उकसाती है और पदार्थों का संग्रह करते-करते मनुष्य से कब पाप कर्म होने आरंभ हो जाते हैं, मनुष्य को स्वयं भी पता नहीं चलता.....सुधीर भाटिया फकीर Share Get link Facebook X Pinterest Email Other Apps Share Get link Facebook X Pinterest Email Other Apps Comments
"भोजन/TI+FF+IN《《《《《 मनु" + "ष्य ????? भजन/शास्त्र" -[कक्षा-2591]-सुधीर भाटिया फकीर-20-09-2024 September 20, 2024 Read more
वि+वाह =कारण-शरीर/सँस्कार+सूक्ष्म-शरीर/मन, स्थूल-शरीर/भोग?●तलाक●[कक्षा-2595]सुधीर भाटिया फकीर22-9-24 September 22, 2024 Read more
आपके जीवन का गणित:- शुद्ध कमाई ?? ऋण/तमो, शून्य/रजो, बचत/सतो-[कक्षा-2657]-सुधीर भाटिया फकीर-23-10-24 October 23, 2024 Read more
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