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"सन्ध्या-बेला संदेश"

गर्भावस्था, बचपन, युवा व वृद्धावस्था आदि को शरीर की अवस्थाएँ माना जाता है, जबकि मन-बुद्धि की स्थितियाँ सात्विक, राजसी या तामसी होती हैं, जो हमारे जीवन के अधिकांश कर्मों को पुण्य-पाप करने की प्रेरणा देती हैं.....सुधीर भाटिया फकीर

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