Skip to main content

"ब्रह्म-मुहूर्त उपदेश"

प्रकृति जड़ है, जिसमें सूर्य के बिना अंधकार सदा ही बना रहता है और अन्धकार में हमारा तन ठोकरें खाता है, जबकि सत्संग के अभाव में अज्ञानता बनी रहती है और अज्ञानता में मन ठोकरें खाता है, फिर भी एक साधारण मनुष्य प्रकृति के भोगों में रह कर खुश होता है और सत्संग में...?.....सुधीर भाटिया फकीर

Comments

Popular posts from this blog

"भोजन/TI+FF+IN《《《《《 मनु" + "ष्य ????? भजन/शास्त्र" -[कक्षा-2591]-सुधीर भाटिया फकीर-20-09-2024

 

वि+वाह =कारण-शरीर/सँस्कार+सूक्ष्म-शरीर/मन, स्थूल-शरीर/भोग?●तलाक●[कक्षा-2595]सुधीर भाटिया फकीर22-9-24

 

आपके जीवन का गणित:- शुद्ध कमाई ?? ऋण/तमो, शून्य/रजो, बचत/सतो-[कक्षा-2657]-सुधीर भाटिया फकीर-23-10-24