धार्मिक कर्मकांड करना एक आरंभिक प्रक्रिया है, जैसे बच्चे को प्ले/नर्सरी स्कूल भेजा जाता है, ताकि बच्चा कुछ सीखने लगे, जबकि आगे की एक लंबी यात्रा जैसे प्राइमरी स्कूल, हाई स्कूल, कॉलेज आदि जाकर पढ़ना होता है। इसी तरह कर्मकाण्ड के बाद एक लम्बी आध्यात्मिक यात्रा है.....सुधीर भाटिया फकीर
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