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"सन्ध्या-बेला संदेश"

मृत्यु को ह्रदय से स्वीकार करने पर ही निष्काम भाव से कर्म होने आरम्भ होते हैं, जो आध्यत्मिक यात्रा की शुरुआत करते हैं, फिर परमात्मा का ज्ञान और परमात्मा की भक्ति आरंभ होती है.....सुधीर भाटिया फकीर

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