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"ब्रह्म-मुहूर्त उपदेश"

सभी जीवों का एक ही भगवान है और सुख की इच्छा करना सभी जीवों का स्वभाव है, लेकिन हमें अपने सुख की प्राप्ति के लिए अन्य सभी जीवों के सुख का भी ध्यान रखना होता है, अन्यथा दूसरे जीव को दुख पहुंचाते ही हमारा पाप कर्म होने से भविष्य में हमें भी दुख रूपी फल ही मिलता है.....सुधीर भाटिया फकीर

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