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"ब्रह्म-मुहूर्त उपदेश"

भौतिक प्रकृति की 84 लाख योनियो में केवल मनुष्य ही विषय-भोगों में मर्यादा से अधिक लिप्त होने से अक्सर अपना स्वभाव बिगाड़ लेता है, जबकि अन्य योनियो के जीव जैसे पेड़-पौधे, कीड़े-मकोड़े, कीट-पतंग, पशु-पक्षी आदि सभी जीव मर्यादा में ही यानी प्रकृति के द्वारा दिये गए स्वभाव के अनुसार ही जीवन जीते हैं.....सुधीर भाटिया फकीर

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