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"सन्ध्या-बेला संदेश"

केवल मनुष्य योनि में ही सेवा, सत्संग, स्वाध्याय करते रहने से मनुष्य अपनी आध्यात्मिक उन्नति को एक गति दे सकता है, इसलिए मिले हुए जीवन का सदुपयोग करते हुए मनुष्य को सदा सेवा, सत्संग व स्वाध्याय के लिए प्रयत्नशील रहना चाहिए, तभी हमारा जीवन सफल व सार्थक हो.....सुधीर भाटिया फकीर

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