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"ब्रह्म-मुहूर्त उपदेश"

मनुष्यों को अपने जीवन में विधि-विधान द्वारा कर्म करने से ही सुख की प्राप्ति होती है और निषेध कर्म करने से भविष्य में दुख की प्राप्ति होती है. इसलिए हम सभी मनुष्यों का कोई भी कर्म प्रकृति के किसी भी जीव के हित के विरुद्ध नहीं होना चाहिये.....सुधीर भाटिया फकीर

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