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"ब्रह्म-मुहूर्त उपदेश"

मनुष्य अपने जीवन में जिस दिशा में अधिक ध्यान लगाता है, फिर एक समय के बाद वहीं का ज्ञान रूपी फल मिलने लगता है। हमारे पूर्व के ऋषियों ने परमात्मा में अपना अधिक ध्यान लगाया, इसलिए उन्हें परमात्मा का गहरा ज्ञान हुआ। आज का मनुष्य अधिक सुख पाने के उद्देश्य से साधनों के आविष्कार करने में ही लगा हुआ है, फलस्वरुप इसी दिशा में उसे सफलता भी मिलती जा रही है.....सुधीर भाटिया फकीर

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