Skip to main content

"ब्रह्म-मुहूर्त उपदेश"

ऐसा देखने में आता है कि हमारा अगला पांव तभी आगे बढ़ पाता है, जब आगे जगह यानी स्थान होता है। इसी प्रकार एक सामान्य परिस्तिथियों में आगे नया शरीर या नया जन्म निश्चित हो जाने पर ही पुराना शरीर छूटता/मरता है, भले ही नये प्रारब्ध/योनि में मूल आधार कर्म + संस्कार ही रहते हैं.....सुधीर भाटिया फकीर

Comments

Popular posts from this blog

"भोजन/TI+FF+IN《《《《《 मनु" + "ष्य ????? भजन/शास्त्र" -[कक्षा-2591]-सुधीर भाटिया फकीर-20-09-2024

 

वि+वाह =कारण-शरीर/सँस्कार+सूक्ष्म-शरीर/मन, स्थूल-शरीर/भोग?●तलाक●[कक्षा-2595]सुधीर भाटिया फकीर22-9-24

 

आपके जीवन का गणित:- शुद्ध कमाई ?? ऋण/तमो, शून्य/रजो, बचत/सतो-[कक्षा-2657]-सुधीर भाटिया फकीर-23-10-24