"सन्ध्या-बेला संदेश" October 19, 2021 मनुष्य योनि में ही निरंतर सत्संग करते हुए अशुद्ध/आवर्त आत्मा को पुन: शुद्ध किया जा सकता है, यही मनुष्य जीवन की शुद्ध कमाई है, जो पुन: मनुष्य योनि पाते ही वही शुद्ध आत्मा की स्थिति दोबारा से मिल जाती है.....सुधीर भाटिया फकीर Share Get link Facebook X Pinterest Email Other Apps Share Get link Facebook X Pinterest Email Other Apps Comments
"भोजन/TI+FF+IN《《《《《 मनु" + "ष्य ????? भजन/शास्त्र" -[कक्षा-2591]-सुधीर भाटिया फकीर-20-09-2024 September 20, 2024 Read more
वि+वाह =कारण-शरीर/सँस्कार+सूक्ष्म-शरीर/मन, स्थूल-शरीर/भोग?●तलाक●[कक्षा-2595]सुधीर भाटिया फकीर22-9-24 September 22, 2024 Read more
आपके जीवन का गणित:- शुद्ध कमाई ?? ऋण/तमो, शून्य/रजो, बचत/सतो-[कक्षा-2657]-सुधीर भाटिया फकीर-23-10-24 October 23, 2024 Read more
Comments
Post a Comment