वेदों में ही विस्तार से विधि-निषेधों का उल्लेख किया गया है, जिनका पालन करने से हम सभी मनुष्यों का कल्याण ही होता है, कि यह करो यानी विधि और यह मत करो यानी निषेध। विधि-विधान द्वारा कर्म करने से मनुष्य को सुख की प्राप्ति होती है और निषेध कर्म करने से भविष्य में हमें दुख की प्राप्ति होना निश्चित है.....सुधीर भाटिया फकीर
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