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"सन्ध्या -बेला संदेश"

जीवन में निरंतर सत्सँग करते रहने से ही मन अपनी मूल सात्विक स्थिति में लौटने लगता है यानी तमोगुण व रजोगुण की भौतिक छाया समाप्त होने लगती है और सात्विक ज्ञान रुपी ज्योत जलने से परमात्मा में सहज ही मन लगने लगता है.....सुधीर भाटिया फकीर

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