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ब्रह्म-मुहूर्त उपदेश

यदि एक मनुष्य अपने सुख प्राप्ति के लिये प्रकृति के अन्य जीवों को दुख देने लगता है, तो उसके कर्माशय में पाप कर्मों का अनुपात बढ़ जाता है, जिसके फलस्वरूप मनुष्य को मरने के बाद नीचे की योनियो में जन्म ले कर दुख भोगने ही पड़ते है.....सुधीर भाटिया फकीर

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