हम सभी मनुष्यों के मिले हुए स्थूल शरीरों की एक दिन मृत्यु अवश्य ही आनी है। यदि मनुष्य अपनी मृत्यु पर ही गहरा चिन्तन करता रहे, तो मनुष्य पाप कर्मों को करने से अवश्य ही बचेगा और मनुष्य को अपने जीवन का अर्थ भी अपने आप ही समझ में आ जायेगा.....सुधीर भाटिया फकीर
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