Skip to main content

सन्ध्या-बेला सन्देश

परमात्मा एक ही है, भले ही रूप अनेक हैं। जैसे बर्फ, भाप, कोहरा अलग-अलग होते हुए भी उसमें मूल तत्व जल ही है। अक्सर एक साघारण मनुष्य अज्ञानतावश अलग-अलग नामों में ही उलझ कर यथार्थ ज्ञान को समझ नहीं पाते.....सुधीर भाटिया फकीर

Comments

Popular posts from this blog

"भोजन/TI+FF+IN《《《《《 मनु" + "ष्य ????? भजन/शास्त्र" -[कक्षा-2591]-सुधीर भाटिया फकीर-20-09-2024

 

वि+वाह =कारण-शरीर/सँस्कार+सूक्ष्म-शरीर/मन, स्थूल-शरीर/भोग?●तलाक●[कक्षा-2595]सुधीर भाटिया फकीर22-9-24

 

आपके जीवन का गणित:- शुद्ध कमाई ?? ऋण/तमो, शून्य/रजो, बचत/सतो-[कक्षा-2657]-सुधीर भाटिया फकीर-23-10-24