Skip to main content

ब्रह्म-मुहूर्त उपदेश

जीवन में अनुकूल परिस्थितियां बने रहने पर संसार अपना ही लगता है, जबकि प्रतिकूल परिस्थितियों आते ही संसारी लोगों की पहचान होनी आरम्भ होती है, तब ऐसी स्थिति में संसार से सहज ही वैराग्य हो परमात्मा ही अपना लगने लगता है.....सुधीर भाटिया फकीर

Comments

Popular posts from this blog

"भोजन/TI+FF+IN《《《《《 मनु" + "ष्य ????? भजन/शास्त्र" -[कक्षा-2591]-सुधीर भाटिया फकीर-20-09-2024

 

वि+वाह =कारण-शरीर/सँस्कार+सूक्ष्म-शरीर/मन, स्थूल-शरीर/भोग?●तलाक●[कक्षा-2595]सुधीर भाटिया फकीर22-9-24

 

आपके जीवन का गणित:- शुद्ध कमाई ?? ऋण/तमो, शून्य/रजो, बचत/सतो-[कक्षा-2657]-सुधीर भाटिया फकीर-23-10-24