Skip to main content

ब्रह्म-मुहूर्त उपदेश

मनुष्य योनि में ही परमात्मा को जाना-समझा जा सकता है। इसलिए, सर्वप्रथम हमारे मन में प्रभु-प्राप्ति की इच्छा होनी चाहिए, फिर इच्छा पूर्ति के लिए प्रयत्न करना हमारा काम है, शेष सब कुछ हमें परमात्मा पर छोड़ देना चाहिए.....सुधीर भाटिया फकीर

Comments

Popular posts from this blog

"भोजन/TI+FF+IN《《《《《 मनु" + "ष्य ????? भजन/शास्त्र" -[कक्षा-2591]-सुधीर भाटिया फकीर-20-09-2024

 

वि+वाह =कारण-शरीर/सँस्कार+सूक्ष्म-शरीर/मन, स्थूल-शरीर/भोग?●तलाक●[कक्षा-2595]सुधीर भाटिया फकीर22-9-24

 

आपके जीवन का गणित:- शुद्ध कमाई ?? ऋण/तमो, शून्य/रजो, बचत/सतो-[कक्षा-2657]-सुधीर भाटिया फकीर-23-10-24