गुरू व आध्यात्मिक शास्त्र मनुष्यों को परमात्मा रुपी मंजिल को पाने के लिए रास्ता दिखाते हैं, यदि मनुष्य उन बताये गये रास्तों पर चलता ही नहीं और अपने बने हुए स्वभाव के अनुसार भोग-विलासों में ही लिप्त रहता है, तब तक मनुष्य के जीवन में कोई सुधार नहीं आ सकता.....सुधीर भाटिया फकीर
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