परमात्मा की दिशा में चलने के लिए सत्संग करना एक आरंभिक प्रक्रिया है, जैसे बच्चे को प्ले स्कूल/नर्सरी की कक्षा में भेजा जाता है, ताकि बच्चा कुछ सीखने लगे और घर पर करने वाली शैतानियां से भी बच जाये, यानी मनुष्य पाप कर्मों से बच जाये.....सुधीर भाटिया फकीर
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