सारे का सारा आध्यात्मिक ज्ञान परमात्मा का ही है, अतः ज्ञान पर हम अपनी व्यक्तिगत मोहर कभी नहीं लगा सकते। दूसरी विशेष बात कि हम सभी आत्माएं स्वभाव से ही ज्ञानवान है, लेकिन हम सभी आत्माओं पर माया/प्रकृति के पदार्थों का मर्यादा से अधिक भोगने के कारण कम-अधिक अज्ञानता रूपी आवरण/पर्दा हमें अचेत किए हुए है.....सुधीर भाटिया फकीर
धन्यवाद
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