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सन्ध्या-बेला सन्देश

केवल मनुष्य योनि में ही सत्संग करना संभव है, अन्य योनियों में बिल्कुल भी नहीं। याद रखें कि हमारे जीवन में सत्संग के अतिरिक्त होने वाला किसी भी प्रकार का अन्य संग प्रत्यक्ष रूप से या अप्रत्यक्ष रूप से कुसंग ही होता है.....सुधीर भाटिया फकीर

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