कलयुगी दुनिया में अधिकांश लोग भौतिक प्रकृति को ही जानने में लगे हुए हैं। लोगों में परमात्मा के बारे में अधिक जानने की कोई जिज्ञासा नहीं होती। ऐसे इंसान तो केवल गिनती के ही हैं, जो परमात्मा को तत्व रुप से जानने-समझने का प्रयास करते हैं और जो बिना जाने ही मान लेते हैं, ऐसे अघिकतर लोग अंधविश्वास की खाई में गिर जाते हैं.....सुधीर भाटिया फकीर
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