शास्त्रों में सभी आत्माओं को परमात्मा का ही अंश इसलिए कहा गया है, क्योंकि सभी आत्माएं परमात्मा के समान चेतन ही हैं, लेकिन परमात्मा आनन्दस्वरूप भी हैं, जबकि आत्मा आनन्दरहित है, इसीलिए मनुष्य अज्ञानतावश आनन्द की तलाश में प्रकृति के अस्थाई सुरवों में फंस जाता है.....सुधीर भाटिया फकीर
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