हम सभी मनुष्यों के सकाम कर्म सदा ही स्थूल शरीर के स्तर पर किये जाते हैं, जो सूक्ष्म शरीर/मन-बुद्धि से प्रेरित होते हैं, लेकिन प्रेम/भक्ति केवल आत्मा से ही संबंध रखती है, क्योंकि प्रेम करना आत्मा का एक स्वाभाविक गुण है, जबकि तन के स्तर पर वासनायें उत्पन्न होती हैं.....सुधीर भाटिया फकीर
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