सभी मनुष्यों को सत्संग करने पर इसलिए जोर दिया जाता है, क्योंकि अक्सर सत्संग के अभाव में अधिकांश मनुष्यों को पाप-पुण्य कर्मों के भेद की कुछ अधिक परख नहीं होती और मनुष्य रजोगुणी भोगों के वेग में आकर अधिकाधिक पाप करता हुआ मरने के बाद अधोगति को प्राप्त होता है.....सुधीर भाटिया फकीर
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