Skip to main content

सन्ध्या बेला सन्देश

हम सभी भाई-बहनों के स्थूल शरीर कच्चे घड़े के समान है, जो कभी भी टूट सकते है, इसलिए इस स्थूल शरीर का सदुपयोग करते हुए हमें जीवन में सदा ही सत्संग करते रहना चाहिए, ताकि हमारा सूक्ष्म और कारण शरीर पवित्र होता जाये.....सुधीर भाटिया फकीर

Comments

Popular posts from this blog

"भोजन/TI+FF+IN《《《《《 मनु" + "ष्य ????? भजन/शास्त्र" -[कक्षा-2591]-सुधीर भाटिया फकीर-20-09-2024

 

वि+वाह =कारण-शरीर/सँस्कार+सूक्ष्म-शरीर/मन, स्थूल-शरीर/भोग?●तलाक●[कक्षा-2595]सुधीर भाटिया फकीर22-9-24

 

आपके जीवन का गणित:- शुद्ध कमाई ?? ऋण/तमो, शून्य/रजो, बचत/सतो-[कक्षा-2657]-सुधीर भाटिया फकीर-23-10-24