कलयुग में सभी मनुष्यों की धन पाने की लालसा बनी ही रहती है और धन नहीं होने से मनुष्य दुखी भी होता है, लेकिन धन होने की स्थिति में भी सुख तो होता नहीं, क्योंकि अघिकांश धनी लोग भी मन के स्तर पर अक्सर दुरवी देरवे गये हैं। देखिए, दुख रहित सुख यानी आनंद केवल और केवल परमात्मा को पाने से ही मिलेगा.....सुधीर भाटिया फकीर
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