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सन्ध्या-बेला सन्देश

एक साधारण मनुष्य की भोगों में अघिक रूचि होने के कारण प्रभु प्रार्थना में भी अपनी कामनाएं ही आगे ररवता है, क्योंकि कामनाएं सदा ही संसार से जोड़ती हैं और भावनाओं की गैर-मौजूदगी में मनुष्य परमात्मा से जुड़ नहीं पाता.....सुधीर भाटिया फकीर

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