ब्रह्म-मुहूर्त उपदेश December 14, 2021 हम सभी मनुष्यों को आघ्यात्मिक उन्नति करने के लिए सर्वप्रथम अपने जीवन में सीमित आवश्यकताओं में जीने का स्वभाव बनाना होगा। अपनी आवश्यकताओं को कभी भी भोग-इच्छा नहीं बनने दो, अन्यथा यह भोग इच्छाएं ही हमसे पाप कर्म करवाती हैं.....सुधीर भाटिया फकीर Share Get link Facebook X Pinterest Email Other Apps Share Get link Facebook X Pinterest Email Other Apps Comments
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