प्रकृति के तमोगुण, रजोगुण व सतोगुण जड़ होने के बावजूद भी नित्य बने रहते हैं, जबकि आत्मा नित्य के साथ चेतन भी है, लेकिन आत्मा में आनंद गुण नहीं है, इसीलिए प्रत्येक जीव सदा ही आनंद की तलाश में प्रयत्नशील रहती है, जबकि आंनद केवल परमात्मा का ही गुण है.....सुधीर भाटिया फकीर
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