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सन्ध्या बेला सन्देश

कलयुग में प्राय ऐसा देखा गया है कि अधिकांश मनुष्यों को रजोगुणी सुखों की वर्षा में नहाने की आदत सी पड़ने लगी है, यही आदत गहरे तल पर कब मनुष्य को तमोगुण में गिरा देती है, हमें स्वयं को भी पता नहीं चलता.....सुधीर भाटिया फकीर

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