किसी भी प्रकार के क्रोध को कभी भी किसी आंधी-तूफान से कम नहीं आंकना चाहिए, क्योंकि आंधी-तूफान भले ही अल्पकाल के लिए ही आते हैं, लेकिन नुकसान बहुत लंबे समय का कर जाते हैं। इसपर चिन्तन करें और सदा क्रोध आने की संभावित स्थितियों से बचें.....सुधीर भाटिया फकीर
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