परमात्मा एक सर्वव्यापक सत्ता है, जिसे हमें कहीं ढूंढना नहीं होता, हमें केवल अपनी पात्रता/योग्यता बनानी होती है। निरंतर सत्संग करते रहने से ही हमारी पात्रता क्रमश: बनती जाती है और पात्रता बन जाने पर परमात्मा स्वयं ही अपना बोध करवा देते हैं.....सुधीर भाटिया फकीर
Comments
Post a Comment