भौतिक विज्ञान कितनी भी उन्नति कर ले, लेकिन फिर भी उपलब्ध पदार्थों या साधनों द्वारा हम केवल सुख-सुविधा का एक सीमा तक ही लाभ ले सकते हैं, लेकिन यह हमारे मन को शांति नहीं दे सकते। मन को शांति केवल निरंतर सत्सँग करते रहने से ही मिलेगी, अन्यथा नहीं.....सुधीर भाटिया फकीर
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