परमात्मा द्वारा संचालित प्रकृति मात्र एक यन्त्र है, जहाँ 84,00000 प्रकार के स्थूल शरीर हैं और सभी स्थूल जीव केवल मनुष्य योनि में ही स्वयं द्वारा किए गए कर्मों का फल खा/भोग सकते हैं, किसी दूसरे-तीसरे-चौथे मनुष्य का हिस्सा खा ही नहीं सकते, ऐसा कर्मफल सिद्घांत/विधान है.....सुधीर भाटिया फकीर
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