Skip to main content

सन्ध्या-बेला सन्देश

हम सभी मनुष्यों के स्थूल शरीर की सभी इंद्रियां उम्र बढ़ने के साथ-साथ कमजोर होती जाती हैं, ऐसा ज्ञान मन में स्थिर हो जाने पर इन भोगों के प्रति सहज ही अरुचि उत्पन्न होती है और मनुष्य के भीतर से स्थायी सुख/आनंद यानी भगवान की तलाश शुरू होती है, उससे पूर्व नहीं.....सुधीर भाटिया फकीर

Comments

Popular posts from this blog

"भोजन/TI+FF+IN《《《《《 मनु" + "ष्य ????? भजन/शास्त्र" -[कक्षा-2591]-सुधीर भाटिया फकीर-20-09-2024

 

वि+वाह =कारण-शरीर/सँस्कार+सूक्ष्म-शरीर/मन, स्थूल-शरीर/भोग?●तलाक●[कक्षा-2595]सुधीर भाटिया फकीर22-9-24

 

आपके जीवन का गणित:- शुद्ध कमाई ?? ऋण/तमो, शून्य/रजो, बचत/सतो-[कक्षा-2657]-सुधीर भाटिया फकीर-23-10-24