सत्संग के अभाव में यानी सतोगुण की न्यून स्थिति में एक साधारण मनुष्य रजोगुणी विषय-भोगों में जल्दी से फिसल जाता है, क्योंकि स्थूल शरीर और विषय-भोग एक ही जाति यानी एक ही बरादरी के हैं। इसीलिए फिसलन जैसी स्थितियों से बचने के लिए सत्संग या सतोगुण की लगाम यानी ज्ञानपूर्वक कर्मकांड करते ही रहना होगा.....सुधीर भाटिया फकीर
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