Skip to main content

सन्ध्या बेला सन्देश

मोह हमेशा स्वार्थ से प्रेरित होता है, जो स्थूल शरीरों या स्थूल पदार्थों से ही होता है। इसीलिए हमारा मोह आकाश के बादलों के समान एक वस्तु या व्यक्ति में कभी नहीं टिकता, जबकि प्रेम स्वार्थ रहित होता है और भगवान से प्रेम हुए बिना प्रकृति के जीवों से भी प्रेम हो नहीं पाता.....सुधीर भाटिया फकीर

Comments

Popular posts from this blog

"भोजन/TI+FF+IN《《《《《 मनु" + "ष्य ????? भजन/शास्त्र" -[कक्षा-2591]-सुधीर भाटिया फकीर-20-09-2024

 

वि+वाह =कारण-शरीर/सँस्कार+सूक्ष्म-शरीर/मन, स्थूल-शरीर/भोग?●तलाक●[कक्षा-2595]सुधीर भाटिया फकीर22-9-24

 

आपके जीवन का गणित:- शुद्ध कमाई ?? ऋण/तमो, शून्य/रजो, बचत/सतो-[कक्षा-2657]-सुधीर भाटिया फकीर-23-10-24