Skip to main content

ब्रह्ममुहूर्त उपदेश

कलयुग में एक साधारण मनुष्य की अधिक से अधिक सुखों को भोगने की इच्छा ही मनुष्य को भोग-पदार्थों का संग्रह करने के लिये उकसाती रहती है और पदार्थों का संग्रह करने के दौरान मनुष्य से कब पाप कर्म होने आरंभ हो जाते हैं, मनुष्य को स्वयं भी पता नहीं चलता.....सुधीर भाटिया फकीर

Comments

Popular posts from this blog

"भोजन/TI+FF+IN《《《《《 मनु" + "ष्य ????? भजन/शास्त्र" -[कक्षा-2591]-सुधीर भाटिया फकीर-20-09-2024

 

वि+वाह =कारण-शरीर/सँस्कार+सूक्ष्म-शरीर/मन, स्थूल-शरीर/भोग?●तलाक●[कक्षा-2595]सुधीर भाटिया फकीर22-9-24

 

आपके जीवन का गणित:- शुद्ध कमाई ?? ऋण/तमो, शून्य/रजो, बचत/सतो-[कक्षा-2657]-सुधीर भाटिया फकीर-23-10-24