मनुष्य अपने जीवन में दिन-रात सुखों को भोगने के लिये ही भाग-दौड़ करता रहता है, जबकि परमात्मा को पाने के लिए शारिरीक रुप से भाग-दौड़ नहीं करनी, केवल मन को परमात्मा के चिंतन में लगा कर आनंद की प्राप्ति की जा सकती है, फिर भी मनुष्य गलत निर्णय ले संसार में ही मरते दम तक दुख भोगता रहता है.....सुधीर भाटिया फकीर
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