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ब्रह्ममुहूर्त उपदेश

मनुष्य अपने मिले हुए जीवन में जिस दिशा की ओर अपना अधिक ध्यान लगाता है, फिर एक समय अंतराल के बाद वहीं का ज्ञान रूपी फल अपने आप ही मिलने लगता है, लेकिन मनुष्य की परमात्मा को जानने में कोई विशेष रूचि दिखाई नहीं देती, इसीलिए परमात्मा का ज्ञान-विज्ञान उस मनुष्य को समझ में नहीं आता.....सुधीर भाटिया फकीर

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