केवल मनुष्य योनि में ही आध्यात्मिक/भौतिक उन्नति की जा सकती है, लेकिन याद रखें, भौतिक उन्नति स्थूल शरीर के मरने के साथ ही समाप्त हो जाती है, जबकि आध्यात्मिक उन्नति मरने के बाद भी सुरक्षित बनी रहती है, फिर भी मनुष्य गलत फैसला कर बैठता है, इसपर चिन्तन करें.....सुधीर भाटिया फकीर
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