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संध्या-बेला सन्देश

सभी मनुष्य ही नहीं, चाहे कीट-पतंग, पक्षी-पशु ही क्यों न हो, जन्म से ही सुख चाहते हैं, दुख कोई नहीं चाहता। इसलिए जैसा व्यवहार हम स्वयं के लिए नहीं चाहते, वैसा व्यवहार हमें भूलकर भी अन्य जीवों से नहीं करना चाहिए.....सुधीर भाटिया फकीर

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